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शनिवार, 28 अप्रैल 2012

रोशन वही है शमा ...लड़ती है जो तूफ़ान से



Republic Day WallpapersIndependance Day WallpaperWish U Good Luck!


सम्पूर्ण भारतीय दल को लन्दन ओलम्पिक हेतु हार्दिक  शुभकामनायें !

जीतेगा वही जो खेलेगा जी जान से ;
रोशन वही है शमा ...लड़ती है जो तूफ़ान से 
जीतेगा वही जो खेलेगा जी जान से .



मुश्किल किसे हैं कहते वो जानता ही नहीं ;
मजिल पाए बिना जो मानता ही नहीं ;
दुनिया में जीत का परचम फहराता है शान से .
जीतेगा वही ..........


जिसने की है मेहनत किस्मत को उसने ना कोसा;
किस्मत पर वो नहीं खुद पर करता भरोसा ;
लेती  है उसका  नाम दुनिया सम्मान से .
जीतेगा वही ........


                                   जय हिंद !जय भारत !
                                       शिखा कौशिक 



शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

श्रीमती सुषमा स्वराज जी -प्रधान मंत्री पद हेतु एक योग्य उम्मीदवार



श्रीमती सुषमा स्वराज जी -
प्रधान मंत्री पद हेतु एक योग्य उम्मीदवार





पिछले   दिनों राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने श्री नरेंद्र मोदी जी को  आगामी  लोकसभा चुनावों  २०१४  के लिए  प्रधान मंत्री पद हेतु एक योग्य उम्मीदवार घोषित किया है पर मेरा मानना  है कि बी.जे.पी. में इस समय प्रधानमंत्री पद हेतु जो  सबसे उपयुक्त नेता हैं वे हैं श्रीमती सुषमा स्वराज जी .सुषमा जी अनेक महत्वपूर्ण पदों पर आसीन  रही हैं और सफलतापूर्वक सभी दायित्वों का निर्वाह किया है .उनमे एक भारतीय नारी  की पूर्ण  छवि परिलक्षित  होती है .उनका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है -
''From Wikipedia, the free encyclopedia
Sushma Swaraj (born 14 February 1952) is an Indian politician of the Bharatiya Janata Party(BJP)and Member of Parliament. She is currently the Leader of the Opposition in the 15th Lok Sabha. She is a former union cabinet minister of India and a former Chief Minister of Delhi. Also she served as the Chairperson of the BJP's 19 member campaign committee for the 2009 General Elections. She was the first female Chief Minister of Delhi

Early life

She was born in PalwalHaryana. She was educated at S.D. College, Ambala Cantonment and earned a B.A. degree. She studied LL.B. from the Law Department of Punjab University,Chandigarh. She is an advocate by profession.
She has been associated with many social and cultural bodies in various capacities. She was President of the Sahitya Sammelan, Haryana for four years.

Political career

Sushma Swaraj began her political career as a student leader in the 1970s, organizing protests against Indira Gandhi's government. She was a member of the Haryana Legislative Assembly from 1977–82 and then from 1987–90. As a Janata Party MLA in Devi Lal's government, she was the Cabinet Minister of Labour and Employment (1977–1979). She joined the BJP in 1980. Under a combined Lok Dal-BJP government led by Devi Lal, she was the Cabinet Minister of Education, Food and Civil Supplies (1987–1990). She was judged Best Speaker of Haryana State Assembly for three consecutive years.''
                            इतनी योग्य व् प्रखर राष्ट्रीय नेता के होते हुए मात्र एक राज्य  के मुख्यमंत्री पद पर रहे श्री नरेंद्र मोदी जी  को प्रधानमंत्री पद का यदि उम्मीद्वार घोषित किया जा रहा तो यह संघ की भूल है .बी.जे.पी. को चाहिए की वो सुषमा जी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे  व् पद के अनुरूप व्यक्ति को ही यह सुअवसर प्रदान करे .

मंगलवार, 17 अप्रैल 2012

हॉकी पर हमको नाज़ है !








India Political Map
[maps  of india से साभार ]







                  भारतीय हॉकी टीम को लन्दन ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन  करने हेतु हार्दिक शुभकामनाये !


ओ दिल्ली वालो ...ओ मुंबई वालों 
ओ गुजरात  वालों .....कलकत्ता वालों 
अब बैट छोडो  ..स्टिक संभालो !
लब पर सजा लो ..मेरे संग संग गा  लो 
कर दे गोल ..कर दे गोल !
हॉकी पर हमको नाज़ है ;
करती दिलो पर राज है ;
ये ही हमारी शान है ;
ये ही हमारा मान है ,


ओ बिहार वालो ...ओ यूं.पी.वालो 
ओ एम् पी. वालो ..ओ राजस्थान वालो 
हिमाचल वालो ....उत्तराखंड वालो 
हरियाणा वालो ...चेन्नई वालो 


ह से है हिंदी बनती 
ह से ही हॉकी बनती 
ह से बने हिंदुस्तान 
दोनों है इसकी शान 
निकले जुबा से बोल ,
कर दे गोल ...कर दे गोल 


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मिशन लन्दन ओलंपिक हॉकी गोल्ड




                            शिखा कौशिक 
                   [हॉकी -हमारा राष्ट्रीय खेल ]



सोमवार, 16 अप्रैल 2012

...तो सडको पर पिटने व् जेल जाने के लिए तैयार रहें !

...तो सडको पर पिटने व्  जेल जाने के लिए तैयार रहें !


इंटरनेट यूजर्स की अभिव्यक्ति की आजादी के लिए  संघर्ष कर रही इस   कम्यूनिटी ''Save Your Voice: A Movement Against Web Censorship ''ने कल यह आयोजन किया -
''Protest against professor's arrest for posting Mamta's cartoons (16 photos)
ममता बनर्जी के कार्टून पोस्ट करने पर प्रोफ़ेसर की प्रताडना के विरोध में इंटरनेट यूज़र्स ने बनाये कार्टून्स ममता बनर्जी के कार्टून्स पोस्ट करने पर पश्चिम बंगाल के एक प्रोफ़ेसर की प्रताड़ना के विरोध में Save Your Voice की ओर से इंटरनेट यूज़र्स ने 15 अप्रैल दिन रविवार को इण्डिया गेट पर शाम पांच बजे इकट्ठे होकर कार्टून्स बनाये. पशिचम बंगाल के प्रोफ़ेसर अम्बिकेश महापात्र को ममता बनर्जी के कार्टून्स बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और प्रताड़ित किया गया, इसे हम अभिव्यक्ति की आज़ादी पर एक और हमले के रूप में देखते हैं. जिस तरह गांधी जी ने नमक क़ानून का विरोध दांडी में नमक बनाकर किया था वैसे ही कार्टून्स पर पाबंदी लगाने का विरोध इंडिया गेट पर कार्टून्स बनाकर किया गया. पिछले काफी समय से सेव योर वॉयस अभियान इंटरनेट सेंसरशिप के सरकारी प्रयासों के खिलाफ आवाज़ उठाता रहा है. केंद्र सरकार पहले ही इंटरनेट की आजादी पर अंकुश लगाने के प्रयास कर रही है और अब राज्य सरकारें भी उसी रस्ते पर चलती नज़र आ रही हैं. इंटरनेट यूज़र्स ने इंडिया गेट पर कार्टून्स बनाकर ये सन्देश दिया कि हमारी अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचलना इतना आसान नहीं है. सेव योर वॉयस टीम www.saveyourvoice.inwww.facebook.com/saveyourvoice Contact: 09717900302, 09810659060; email: saveyourvoice@gmail.com



इस आयोजन ने तो इस कम्यूनिटी की साख पर ही प्रश्न चिह्न लगा दिया है

आप अगर ऐसी कुत्सित विचारधारा वाले लोगो के पक्ष में धरना  देंगे ...उनका समर्थन करेंगे तो याद रखिये आने वाले कल में आप स्वयं की अथवा अपनी माता बहनों की मजाक उड़ते देंखेगें इंटरनेट पर .
                                         वास्तविकता तो यह है कि हम जैसे इंटरनेट यूजर्स को ऐसे विकृत मानसिकता वाले यूजर्स को सबक सिखाने के लिए एक संगठन  बनाना  चाहिए ...ना कि इस जैसे मानसिक  बलात्कारियों का समर्थन करना चाहिए .
                     स्त्री की गरिमा को ...अस्मिता को शर्मिंदा करने वाली ऐसी किसी भी ब्लॉग पोस्ट ...सोशल साईट की पोस्ट ...फोटो ...कार्टून का तो हमें सबसे पहले विरोध करना चाहिए चूंकि ये सभी इंटरनेट यूजर्स की नैतिक छवि को धूमिल करता है .हम इंटरनेट पर क्या ये सब करने ..देंखने के लिए आये ?
                                     जो इस कुत्सित सोच वाले प्रोफ़ेसर का पक्ष ले रहें है क्या अपने परिवारीजन के अभद्र चित्रण पर ये नहीं कहेंगें -'''यदि मेरी माँ ..बहन का ऐसा कोई चित्रण किया गया तो मैं करने वाले का हाथ तोड़ दूंगा .'' ये है हमारी नैतिकता ...हम स्त्री को देवी का सम्मान देते हैं .हम कैसे उसकी गरिमा के साथ खिलवाड़ देख सकते हैं ?
                        आम भारतीय नारी तक की ऐसी मजाक उड़ाई जाये तब भी हमारा खून खौल उठाता है फिर राष्ट्र हित में अपना जीवन लगाने वाली ममता दी की गरिमा के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करने वाले को दण्डित तो किया ही जाना चाहिए .यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि सोनिया गाँधी जी व् मायावती  जी जैसी महिला नेत्रियों को भी कुछ इंटरनेट यूजर्स या गुंडे अपनी वीभत्स सोच का लगातार  शिकार बना रहे हैं



[फेसबुक ]

                                           
 ऐसे अमर्यादित लोगों का समर्थन यदि हम करते हैं तो हम अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं .
                               ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला  नहीं ये उस अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरूपयोग है .वैसे ही जैसे एम्.ऍफ़.हुसैन साहब ने हिन्दू देवी देवताओं की नग्न तस्वीरे बनाकर अपनी कला को कलंकित कर लिया था .पूनम पांडे इसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का फ़ायदा उठाकर आधी रात को अपनी नग्न तस्वीरे ट्विटर पर डाल देंती  है ....क्या हम ऐसी ओछी हरकतों  को समर्थन देकर लोकतंत्र में दिए गए अभिव्यक्ति के अधिकार की धज्जिया उड़ाते रहे और उड़ाने वालों का पक्ष लेते रहे .
                                 शुक्र है कि ममता दी के समर्थकों ने सही कदम उठाकर यह दिखा  दिया कि हमारे देशवासियों में अभी वो ज़ज्बा कायम है जो किसी नारी के अपमान को सहन नहीं करता ....काश त्रेतायुग में भी कुछ अयोध्यावासियों में यह ज़ज्बा होता तो अनर्गल प्रलाप करने वाले धोबी को कड़ा दंड मिल जाता और माता सीता को वनगमन न करना पड़ता .
                                               अभिव्यक्ति कि स्वत्रन्त्रता आपका अधिकार है पर किसी की गरिमा से खेलने का हक किसी को नहीं है .आप अपने उत्तम विचारों ..जिनसे राष्ट्र-समाज  का हित हो विश्व में प्रसारित करने के अधिकारी है.. किसी की अस्मिता को रौदने या मखौल उड़ाने के अधिकारी नहीं 
                                नारी हो ..पुरुष हो ..सभी का अपना एक गरिमामाय जीवन है .आम भारतीय नागरिक हो अथवा जानी-मानी हस्ती -सबकी अपनी अस्मिता है ..गौरव है .अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर यदि आप इससे खिलवाड़ करने का प्रयास करेंगें तो आप को जान लेना चाहिए कि आप को दंड अवश्य  मिलेगा .अपना विवेक...अपनी नैतिकता को अपनी विकृत सोच के कबाड़ख़ाने में बंद करके रखने वालों को सड़कों पर पिटने ...जेल जाने  के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि  यह भी तो जनता का अपने मन में ...अपने श्रद्धेय ..प्रिय पात्र के अपमान के विरोध में उबल रही भावना की एक  अभिव्यक्ति मात्र ही है .वैसे भी गोस्वामी जी ने ''श्रीरामचरितमानस ''में सही ही तो लिखा है -
                     ''विनय न मानत जलधि जड़ गए तीन दिन बीत ;
                       बोले राम सकोप तब भय बिनु होई न प्रीत ''


                                                      जय हिंद! जय भारत माता की !
                                                                                     शिखा कौशिक 

गुरुवार, 12 अप्रैल 2012

माया बाई का मुजरा-कब रूकेगा स्त्री का अपमान

माया बाई का मुजरा-कब रूकेगा स्त्री का अपमानन्नीचे 

Flax Awareness Society



WEDNESDAY, APRIL 11, 2012


माया बाई का मुजरा-FALX AWARENESS  SOCIETY  -ब्लॉग पर 


डॉ.ओ.पी वर्मा जी ने  निम्नं  

सन्दर्भ  देकर यह  पोस्ट प्रस्तुत की है  -
कल हमने फेसबुक पर माया बाई का मुजरा देखा, जिसे भड़ास पर भी लगा दिया है। लेकिन वो मुजरे में गा क्या रही है, यह स्पष्ट नहीं हो रहा था। इसलिए हमने वो मुजरा के बोल पता कर लिये है। आप भी सुन लीजिये। दुपट्टा मुख्यमंत्री की कुर्सी को समझियेगा।



                                           मायावती जी का इसप्रकार  चित्रण  करना पूरे   भारतीय  समाज   के मुंह   पर जोरदार   तमाचा   है ...आज तक हम उन बालाओं को तो इस अगरिमामय पेशे से निकाल नहीं पायें जो दुर्भाग्यवश इस पेशें में फसी हैं उस पर अपने संघर्षों से एक दलित परिवार में जन्म लेकर भी उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री तक के सफ़र को तय करने वाली हमारी दलित नेत्री को इस रूप में प्रस्तुत करना मुंह पर तमाचा ही है .हम उनकी  आलोचना भ्रष्टाचार के मुद्दे पर शालीन तरीके   से  कर सकते हैं ....पर इस रूप में दलित  नेत्री को प्रस्तुत करना नीचता की पराकाष्ठा है .क्या भारतीय पुरुषों का पुरुषार्थ समाप्त हो चुका  है जो बहनों को इस रूप में प्रस्तुत कर मुजरा करवाया जा रहा है .शर्मनाक  ....निंदनीय ......घोर आपत्तिजनक ....मनोरंजन  या आलोचना का यह रूप यदि भारतीय पुरुषों ने अपनाया है तो उन्हें चुल्लू   भर पानी में डूब मरना चाहिए क्योकि  यह भारतीय संस्कृति के सर्वदा विरूद्ध है .हमारी  संस्कृति में शत्रु पक्ष की महिला को भी ''देवी  ''कहकर संबोधित किया जाता  है .पोस्ट करने वाले ब्लोगर डॉ.ओ.पी.वर्मा जी एक उच्चस्तरीय डॉक्टर हैं .सुशिक्षित हैं फिर एक बार भी उन्होंने इस पोस्ट को फेसबुक से ब्लॉग पर डालने से पूर्व यह क्यों   नहीं सोचा कि मायावती जी सर्वप्रथम एक महिला हैं .....इसके पश्चात् एक ऐसे दलित समाज का प्रतिनिधत्व करती है जिसने युगों तक शोषण सहा है .मायावती जी का संघर्षपूर्ण जीवन किसी से नहीं छिपा है .ठीक है आज उन पर भ्रष्टाचार के  आरोप है ..पर उसका मतलब ये तो नहीं कि कोई भी उन्हें इस रूप में प्रस्तुत करे .क्या आप अपनी बहन ....बेटी को इस रूप में प्रस्तुत करना चाहेंगे .स्त्री को मनोरंजन  की वस्तु बनाकर उससे मुजरा सुनने की जिस की इच्छा शेष है वो किसी का बेटा ....भाई नहीं हो सकता .डॉ.ओ.पी वर्मा जी न केवल फेसबुक से इस निंदनीय सामग्री को लायें हैं बल्कि पोस्ट के नीचे उनकी टिप्पणियां भी घोर अशालीन हैं -उनका परिचय व् टिप्पणिया -



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Vaibhav Hospital, 7-B-43, Mahaveer Nagar III, Kota, Raj., India
पिछले कई वर्षों से हमारी संस्था “अलसी चेतना यात्रा” अलसी के बारे में जागरूकता लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। हमारी संस्था के अन्य उद्देश्य हैं। •जैविक खाद्य पदार्थों के उत्पादन, उपयोग को प्रोत्साहन देना और लोगों को जैविक खाद्य पदार्थों के लाभ समझाना। •खाद्य पदार्थों में मिलावट, जो आज की सबसे गंभीर समस्या है, के बारे में लोगों को जानकारी देना। मिलावट रोकने के लिए सम्बंधित विभागों से सामंजस्य रखते हुए कार्यवाही करना। •अलसी के तेल, पनीर, तथा कैंसर रोधी फल व सब्जियों से विकसित किया हुआ डॉ. बुडविज आहार-विहार कैंसर के रोगियों को उपलब्ध करवाने हेतु पूरे भारत में बुडविज प्रोटोकोल कैंद्रों का निर्माण करना। •कोटा में देश-विदेश के रोगियों को उच्च स्तरीय प्राकृतिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा उपलब्ध कराने हेतु विशाल हर्बल पार्क विकसित करना। go.flax@gmail.com ०९४६०८१६३६०
Dr. O.P.Verma said...
सचमुच दु्हन सी लग रही है माया... शादी कर लेती तो अभी 2-4 बच्चों की मां होती।
Dr. O.P.Verma said...
आदरणीय दिलबाग विर्क जी, चर्चामंच पर प्रस्तुत होना गर्व की बात मानी जाती है। आपने चर्चामंच पर माया बाई का मुजरा करवा कर बड़ा अच्छा काम किया है। आपका किन शब्दों में शुक्रिया करूँ। मुफलिसी में हमें दो पैसे मिल गये। और आजकल मायाबाई भी फालतू ही बैठी थी। आपके याद ही होगा जबसे अखिलेश बाबू नये नये दारोगा बने हैं, उन्होंने लखनऊ के सारे कोठों पर माया के मुजरे पर पाबंदी लगा दी है। इसलिए आपको आगे भी कहीं मौका मिले मुजरा करवाना हो तो सेवा का अवसर देना। आपके लिए तो मायाबाई तो खाली बख्शीश में भी नाच लेगी।
Dr. O.P.Verma said...
गब्बर का ही डर है वो आगया तो कांच पे नचायेगा, उसको खबर मत होने देना रचना जी।
                       दुखद है रचना जी व् राजेश कुमारी जी ने एक स्त्री होकर भी  मायावती जी के इस आपत्तिजनक चित्रण को गलत न बताकर ये  टिप्पणियां कर दी है -
रचना दीक्षित said...
बहुत नाइंसाफी है....
Rajesh Kumari said...
hahaha vaah kya pairodi banaai hai.chitra to lajabaab hai.                                                              मैं इसप्रकार  की  किसी भी पोस्ट के विरूद्ध हूँ  और आप सभी से चाहती हूँ  की आप भी विरोध करें ताकि फेसबुक की गंदगी ब्लॉग जगत के निर्मल वातावरण  को प्रदूषित    न करे                                                                                                                                              जय हिंद !                                                              शिखा  कौशिक 

बुधवार, 11 अप्रैल 2012

क्या केवल मानव ही धरना दे सकता है ?

क्या आप सोचते हैं की केवल  मानव  ही  धरना दे सकते हैं . आप गलत हैं जनाब क्योकि ''मेरे परिवार'' के कुछ सदस्य जो मनुष्य नहीं हैं वे भी  धरना देते हैं .देखिये इन साहब को -
ये चाहते थे ऊपर चढ़ना पर इन्हें रोक दिया गया तो ये साहब धरना देकर घर के सामने ही बैठ गए ...बस नारे नहीं लगाये ये ही शुक्र रहा -

अब मिलिए इन महोदय  से .. ...ये हैं हमारे  ''जोंटी जी ''.मार्च आते ही इनकी गर्मियां जोर से शुरू हो  गयी  थी .....अब तो अप्रैल है .....  .चाहते हैं कमरे में  घुसकर पलंग के नीचे सोना ......आग्रह करते हैं -

जब  इनकी जिद नहीं मानी गयी तो ये भागकर जाकर कड़ी धूप में खड़े हो गए ....कोई समझा सकता है भला इन्हें ?


अब  बताइए आप ही  कि क्या  केवल  मानव  ही धरना दे सकता है ?

शिखा कौशिक